कलयुग में हनुमान को ही पूजने का नियम है
मंदिर, दर्गा, बाबा, गुरु, देवी-देवता आदि सभी जगहों पर भटकने के बाद भी कोई शांति और सुख नहीं मिलता और संकटों का जरा भी समाधान नहीं होता है। साथ ही मृत्युतुल्य कष्ट हो रहा हो तो सिर्फ हनुमान की भक्ति ही बचा सकती है। ऐसे व्यक्ति को हनुमनजी की शरण में आना ही पड़ता है, लेकिन जो पहले से ही उनकी शरण में हैं उन्हें किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता। हनुमानजी सर्वशक्तिमान और एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनका नाम जपने से ही संकट शरीर और मन से दूर हटने शुरू हो जाते हैं।
शास्त्रों अनुसार कलयुग में हनुमानजी की भक्ति को सबसे जरूरी, प्रथम और उत्तम बताया गया है लेकिन अधिकतर जनता भटकी हुई है। वह ज्योतिष और तथाकथित बाबाओं, गुरुओं को ही अपना सबकुछ मानकर बैठी है। ऐसे भटके हुए लोगों को राम ही बचाने वाले हैं।
हनुमानजी की भक्ति सबसे सरल और जल्द ही फल प्रदान करने वाली मानी गई है। यह भक्ति जहां हमें भूत-प्रेत जैसी न दिखने वाली आपदाओं से बचाती है, वहीं यह ग्रह-नक्षत्रों के बुरे प्रभाव से भी बचाती है। जो व्यक्ति‍ प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ता है उसके साथ कभी भी घटना-दुर्घटना नहीं होती।
श्रीराम के अनन्य भक्त श्रीहनुमान अपने भक्तों और धर्म के मार्ग पर चलने वाले लोगों की हर कदम पर मदद करते हैं, शर्त यह है कि 'और देवता चित्त न धरहीं।'
हनुमानजी को मनाने के लिए सबसे सरल उपाय है हनुमान चालीसा का नित्य पाठ। हनुमानजी की यह स्तुति का सबसे सरल और सुरीली है। तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा बहुत प्रभावकारी है। इसकी सभी चौपाइयां मंत्र ही हैं। जिनके निरंतर जप से ये सिद्ध हो जाती है और पवनपुत्र हनुमानजी की कृपा प्राप्त हो जाती है।
यदि आप मानसिक अशांति झेल रहे हैं, कार्य की अधिकता से मन अस्थिर बना हुआ है, घर-परिवार की कोई समस्यां सता रही है तो ऐसे में इसके पाठ से चमत्कारिक फल प्राप्त होता है, इसमें कोई शंका या संदेह नहीं है।-शतायु

गुड़, चने और चूरमे से कीजिए मनोकामनाए पूरी

हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए साधक कई उपाय करते हैं। कहते हैं हनुमानजी की कृपा जिस पर भी होती है, उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है। आज हम आपको हनुमानजी का एक ऐसा ही अचूक और असरदार उपाय बता रहे हैं, जिसे विधि-विधान से पूर्ण करने पर हनुमानजी अपने भक्त की हर मनोकामना पूरी कर देते हैं।
ये उपाय 21 दिनों का है। इस उपाय में गुड़, चने और चूरमे से ही हनुमानजी प्रसन्न हो जाते हैं। गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित हनुमान अंक के अनुसार ये उपाय अनुभव सिद्ध है यानी इसका लाभ कई लोग ले चुके हैं। इस उपाय को करते समय कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जैसे-
इन बातों का ध्यान रखें
1- ये उपाय किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के मंगलवार से शुरू कर सकते हैं परंतु इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उस दिन चतुर्थी, नवमी व चतुर्दशी तिथि नहीं होना चाहिए।
2- मृत्यु सूतक या जन्म सूतक के दौरान भी यह उपाय शुरू नहीं करना चाहिए। यदि उपाय के दौरान ऐसा कोई संयोग आ जाए तो किसी विद्वान ब्राह्मण के द्वारा ये उपाय पूर्ण करवाना चाहिए, बीच में नहीं छोडऩा चाहिए।
3- पुरुषों के अलावा महिलाएं भी ये उपाय कर सकती हैं, लेकिन केवल वे ही महिलाएं ये उपाय कर सकती हैं, जिसका प्रौढ़ावस्था के बाद प्राकृतिक रूप से मासिक धर्म सदा के लिए बंद हो चुका हो।
4- उपाय के दौरान क्षौर कर्म (दाढ़ी बनवाना, नाखून काटना आदि) नहीं करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए सात्विक आहार ही ग्रहण करना चाहिए। एक ही समय भोजन करें तो अति उत्तम रहेगा।
इस प्रकार करें उपाय
उपाय प्रारंभ करने के लिए जिस मंगलवार का चयन करें, उसके पहले दिन सोमवार को सवा पाव अच्छा गुड़, थोड़े से भूने चने और सवा पाव गाय के शुद्ध घी का प्रबंध कर लें। गुड़ के छोटे-छोटे 21 टुकड़े कर लें। साफ रूई लेकर इसकी 22 फूल बत्तियां बनाकर घी में भिगो दें। इन सभी वस्तुओं को अलग-अलग साफ बर्तनों में लेकर किसी स्वच्छ स्थान पर रख दें।
साथ ही माचिस और एक छोटा बर्तन व छन्नी आदि, जिसमें रोज ये वस्तुएं आसानी से ले जाई सकें, भी रख दें। ये उपाय करने के लिए अब हनुमान के किसी ऐसे मंदिर का चयन करें, जहां अधिक भीड़ न आती हो और जो एकांत में हो।
जिस मंगलवार से उपाय शुरू करना हो, उस दिन ब्रह्म मुहूर्त से पहले उठ जाएं और स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र पहन लें। माथे पर रोली या चंदन का तिलक लगाएं। इसके बाद एक साफ बर्तन में एक गुड़ की डली, 11 चने, एक घी की बत्ती और माचिस लेकर साफ कपड़े से इस ढंक लें। अब नंगे पैर ही हनुमानजी के मंदिर की ओर जाएं। घर से निकलने से लेकर रास्ते में या मंदिर में किसी से कोई बात न करें। और न ही पीछे पलटकर या इधर-उधर देखें।
मंदिर पहुंचने के बाद हनुमानजी की मूर्ति के सामने मौन धारण किए हुए ही सबसे पहले घी की बत्ती जलाएं। इसके बाद 11 चने और 1 गुड़ की डली हनुमानजी के सामने रखकर साष्टांग प्रणाम कर अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए मन ही मन श्रद्धा व विश्वास से प्रार्थना करें फिर श्री हनुमानचालीसा का पाठ भी मौन रहकर ही करें।
अब मंदिर से जाने से लेकर घर पहुंचने तक न तो पीछे पलटकर या इधर-उधर देखें और न ही किसी से बात करें। घर पहुंचने के बाद यह पूरी सामग्री उचित स्थान रखकर 7 बार राम-राम बोलकर ही अपना मौन भंग करें। रात में सोने से पहले 11 बार श्री हनुमानचालीसा का पाठ करें व अपनी मनोकामना सिद्धि के लिए प्रार्थना करें। ये प्रक्रिया लगातार 21 दिन तक करें।
22 वे दिन मंगलवार को सुबह नित्य कर्मों से निवृत्त होकर सवा किलो आटे का एक रोट बनाकर गाय के गोबर से बने उपले में इसे पका लें। यदि सवा किलो का एक रोट न बना सकें तो 5 रोटियां बनाकर सेक लें। अब इसमें आवश्यकतानुसार गाय का शुद्ध घी, और गुड़ मिलाकर उसका चूरमा बना लें। 21 डलियों के बाद जो गुड़ बचा हो, उसे भी चूरमे में मिला दें।
इस चूरमे को थाली में रखकर बचे हुए सारे चने व 22वीं अंतिम बत्ती लेकर प्रतिदिन की तरह ही मौन धारण कर, बिना आगे-पीछे देखे मंदिर जाएं। फिर हनुमानजी की मूर्ति के सामने बत्ती जलाकर चने एवं चूरमे का भोग लगाएं। अब एक छोटे से बर्तन में थोड़ा से चूरमा लेकर हनुमानजी के सामने रख दें और शेष अपने साथ ले आएं। घर पहुंचने के बाद ही मौन भंग करें। जो भी यह प्रयोग करे वह उस दिन दोनों समय सिर्फ उसी चूरमे का भोजन ग्रहण करे। शेष चूरमे को प्रसाद के रूप में बांट दें।
ये उपाय विधि पूर्वक करने से श्रीहनुमानजी की कृपा से साधक की हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
हनुमान चालीसा की 7 चौपाइयां, जानिए इनके जप से क्या होता है
धर्म डेस्क |
उज्जैन। हनुमानजी को मनाने और उनकी कृपा प्राप्त करने का सबसे आसान उपाय है हनुमान चालीसा का पाठ करना। हनुमान चालीसा बहुत ही सरल और मन को शांति प्रदान करने वाली स्तुति है।
 जो लोग धन अभाव से ग्रस्त हैं या घर-परिवार में परेशानियां चल रही हैं या ऑफिस में समस्याएं आ रही हैं या समाज में सम्मान नहीं मिल रहा है या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हैं तो इन्हें दूर करने के लिए हनुमान चालीसा का जप करना चाहिए। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार हनुमान चालीसा के जप से कुछ ही समय में सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं।
 यहां जानिए हनुमान चालीसा की सात चौपाइयों का अर्थ और इनके जप से कौन-कौन सी परेशानियां दूर होती है...
 जो लोग मस्तिष्क से संबंधित कार्य में लगे रहते हैं और मानसिक तनाव का सामना करते हैं तो रोज रात को सोने से पहले हनुमान चालीसा का जप करते हुए ध्यान करें।
यदि आप पूरी हनुमान चालीसा का जप नहीं कर सकते हैं तो इन पंक्तियों का जप कम से कम 108 बार करें...
 बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरो पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहू कलेश विकार।।
 इस पंक्ति में हनुमान से यही प्रार्थना की गई है कि हे प्रभु मैं खुद को बुद्धि हीन मानकर आपका ध्यान करता हूं। कृपा करें और मुझे शक्ति, बुद्धि, विद्या दीजिए। मेरे सभी कष्ट-क्लेश दूर कीजिए। इसके नियमित जप मानसिक शांति मिलती है।
बुरे सपनों और डर से बचने के लिए
 जिन लोगों को बुरे सपने आते हैं, सोते समय डर लगता हैं, उन्हें सोने से पहले इन पंक्तियों का जप करना चाहिए...
भूत-पिशाच निकट नहीं आवे।
महाबीर जब नाम सुनावे।।
इस पंक्ति के माध्यम से भक्त द्वारा हनुमान से भूत-पिशाच आदि के डर से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की जाती है। सोने से पहले जो भी व्यक्ति इस पंक्ति का जप पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ करता है, उसे न तो बुरे सपने आते हैं और न ही कोई भय सताता है।
  बीमारियों से बचने के लिए
 यदि कोई व्यक्ति भयंकर बीमारी से ग्रस्त है और दवाओं का असर भी ठीक से नहीं हो पा रहा है तो सोने से पहले इस पंक्ति का जप करना चाहिए...
नासे रोग हरे सब पीरा।
जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा।।
इस पंक्ति से हम बजरंग बली से सभी प्रकार रोगों और पीड़ाओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। जो भी बीमार व्यक्ति इन पंक्तियों का जप करके सोता है, उसकी बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है। ध्यान रखें इस उपाय के साथ ही डॉक्टर्स द्वारा बताई गई सावधानियों का ध्यान रखें, दवाइयां समय पर लेते रहें।
मान-सम्मान पाने के लिए
 यदि कोई व्यक्ति सर्वगुण संपन्न बनना चाहता है और घर-परिवार, समाज में वर्चस्व बनाना चाहता है, मान-सम्मान पाना चाहता है तो उसे सोने से पहले इस पंक्ति का जप करना चाहिए...
 अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
 इस पंक्ति के अनुसार हनुमानजी अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों के दाता है जो कि उन्हें माता सीता ने प्रदान की है। जिन लोगों के पास ये सिद्धियां और निधियां आ जाती हैं, वे समाज में और घर-परिवार में मान-सम्मान, प्रसिद्धि पाते हैं। इस पंक्ति के जप से हनुमानजी भक्त पर अपनी कृपा बरसाते हैं और दुख दूर करते हैं। मान-सम्मान पाने के लिए स्वयं हमें भी सही प्रयास करने चाहिए।
 बुरे विचारों से मुक्ति के लिए
 महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
 यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा की इस पंक्ति का जप करता है तो उसे सुबुद्धि प्राप्त होती है। इस पंक्ति का जप करने वाले लोगों के कुविचार नष्ट होते हैं और सुविचार बनने लगते हैं। बुराई से ध्यान हटता है और अच्छाई की ओर मन लगता है।
 इस पंक्ति का अर्थ यह है कि बजरंगबली महावीर हैं और हनुमानजी कुमति को निवारते हैं यानी कुमति को दूर करते हैं। बजरंग बली सुमति यानी अच्छे विचारों को बढ़ाते हैं।
शत्रुओं पर विजय पाने के लिए
 भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्रजी के काज संवारे।।
 जब आप शत्रुओं से परेशान हो जाएं और कोई रास्ता दिखाई न दे तो हनुमान चालीसा की इस चौपाई का कम से कम 108 बार जप करें। यदि एकाग्रता और भक्ति के साथ हनुमान चालीसा की सिर्फ इस पंक्ति का जप किया जाए तो शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है।
 इस पंक्ति का अर्थ यह है कि श्रीराम और रावण के बीच हुए युद्ध में हनुमानजी ने भीम रूप यानी विशाल रूप धारण किया था। इसी भीम रूप से असुरों-राक्षसों का संहार किया। श्रीराम के काम पूर्ण करने में हनुमानजी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिससे श्रीराम के सभी काम संवर गए।
  विद्या धन पाने के लिए
 बिद्यबान गुनी अति चातुर।
रामकाज करीबे को आतुर।।

यदि किसी व्यक्ति को विद्या धन चाहिए तो उसे इस पंक्ति का विशेष रूप से जप करना चाहिए। इस पंक्ति के जप से हमें विद्या और चतुराई प्राप्त होती है। इसके साथ ही हमारे हृदय में श्रीराम की भक्ति भी बढ़ती है।
 इस चौपाई का अर्थ है कि हनुमानजी विद्यावान और गुणवान हैं। हनुमानजी बहुत चतुर भी हैं। वे सदैव ही श्रीराम सेवा करने के लिए तत्पर रहते हैं। जो भी व्यक्ति इस चौपाई का जप करता है, उसे हनुमानजी से विद्या, गुण, चतुराई के साथ ही, श्रीराम की भक्ति प्राप्त होती है।
हनुमान जयंती के दिव्य और अचूक टोटके


हनुमान जयंती के टोटके विशेष फल प्रदान करते हैं। हनुमान जयंती का दिन हनुमानजी और मंगल देवता की विशेष पूजा का दिन है। यह टोटके हनुमान जयंती से आरंभ कर प्रति मंगलवार को करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
इस युग में हनुमानजी की पूजा सबसे जल्दी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली मानी गई है। 
* मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की सेवा हनुमान जयंती के दिन और बाद में महीने में किसी भी एक मंगलवार को करने से आपका मानसिक तनाव हमेशा के लिए दूर हो जाएगा।
* हनुमान जयंती पर और बाद में साल में एक बार किसी मंगलवार को अपने खून का दान करने से आप हमेशा दुर्घटनाओं से बचें रहेंगे।
* 'ॐ क्रां क्रीं क्रों स: भौमाय नम:' मंत्र का एक माला जाप हनुमान जयंती व मंगलवार को करना शुभ होता है।
* 5 देसी घी के रोट का भोग हनुमान जयंती पर लगाने से दुश्मनों से मुक्ति मिलती है।
* व्यापार में वृद्धि के लिए हनुमान जयंती को सिंदूरी रंग का लंगोट हनुमानजी को पहनाइए।


* हनुमान जयंती पर मंदिर की छत पर लगाइए लाल झंडा और आकस्मिक संकटों से मुक्ति पाइए।
* तेज और शक्ति बढ़ाने के लिए हनुमान जयंती के दिन हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड, रामायण, राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।