ये छ: करिश्माई अक्षर आपके भाग्य को बदल सकते हैं

दरिद्रता या धन की कमी इंसान के गुण, रूप व शक्ति को लील जाती है। यही वजह है कि हर इंसान जरूरतों की पूर्ति व अभावों से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा धन बटोरने की कोशिश करता है। धार्मिक उपायों के जरिए ऐसी ही कोशिशों में भगवान गणेश की पूजा, बुद्धि, ज्ञान व बल द्वारा सुख-समृद्धि देने वाली मानी जाती है।


सुख-वैभव की कामनापूर्ति के लिए शास्त्रों में गणेश उत्सव के दौरान (चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक) कुछ विशेष मंत्रों से भगवान गणेश का ध्यान बहुत मंगलकारी बताया गया है। इनमें षडाक्षरी गणेश मंत्र अर्थ, यानी धन व सुख-सुविधाओं के साथ धर्म, काम व मोक्ष देने वाला भी माना गया है।

मान्यता है कि यह सिद्ध मंत्र ब्रह्मदेव ने सृष्टि रचना के लिए प्रकट हुई चतुर्थी स्वरूपा देवी को श्रीगणेश की भक्ति के लिए दिया था। जानिए यह मंत्र विशेष व पूजा उपाय  श्रीगणेश की केसरिया चंदन, अक्षत, दूर्वा, सिंदूर से पूजा व गुड़ के लड्डुओं का भोग लगाने के बाद इस गणेश मंत्र का स्मरण करें या पूर्व दिशा की ओर मुख कर पीले आसन पर बैठ करें।

अगली स्लाइड पर जानिए कौन सा है षडाक्षरी मंत्र व इसे कैसे और कितनी बार स्मरण करें -
षडाक्षरी मंत्र स्मरण हल्दी या चन्दन की माला से कम से कम 108 बार जप करें। मंत्र जप के बाद भगवान गणेश की चंदन धूप व गोघृत आरती कर वैभव व यश की कामना करें। यह सरल मंत्र है -
वक्रतुण्डाय हुम्।।