दोस्तों की भीड़ में दुश्मनों को पहचानना मुश्किल हो जाता है. आप नहीं समझ सकते कि कब कौन आपके पीठ पीछे वार कर आपको धोखा देकर चला जाए. दोस्ती और प्यार के नाम पर दगा देने वाले भी बहुत लोग होते हैं. आपकी कोई बात किसी को कितनी बुरी लग गई और इसका बदला लेने के लिए वो किस हद तक पहुंच जाएगा आप इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा सकते.

 


बगलामुखी, एक ऐसी तंत्र साधना है जिसके जरिए लोग वशीकरण, मारण, उच्चाटन आदि जैसी क्रियाओं को अंजाम देते हैं. अपने दुश्मन को हर तरह की हानि पहुंचाने के लिए लोग इस तंत्र साधना का प्रयोग करते हैं और तंत्र-मंत्र पर विश्वास करने वाले लोगों की मानें तो इससे बेहतर और कोई विकल्प हो भी नहीं सकता.

मरने के बाद वो उसकी लाश के साथ रहता था !!



तांत्रिक साधना करने वाले लोगों का कहना है कि मुकद्दमा जीतना हो या फिर किए गए टोने के असर को शिथिल करना हो तो बगलामुखी इसका रामबाण इलाज है. जानकारों की मानें तो बाहरी शत्रु इतना नुकसान नहीं पहुंचा सकते जितना आपके अपने साथी और संबंधी पहुंचा सकते हैं. अगर परिवार का कोई सदस्य अपने ही परिवार के सदस्य के साथ कुछ गलत कर रहा है तो भी बगलामुखी के द्वारा उस टोने के असर को पलटा जा सकता है.


कर्ण पिशाचिनी भविष्य नहीं देख सकती



बगलामुखी साधना के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां:
1. बगलामुखी साधना के दौरान पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना अत्याधिक आवश्यक है.
2. इस क्रम में स्त्री का स्पर्श, उसके साथ किसी भी प्रकार की चर्चा या सपने में भी उसका आना पूर्णत: निषेध है. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपकी साधना खण्डित हो जाती है.
3. किसी डरपोक व्यक्ति या बच्चे के साथ यह साधना नहीं करनी चाहिए. बगलामुखी साधना के दौरान साधक को डराती भी है. साधना के समय विचित्र आवाजें और खौफनाक आभास भी हो सकते हैं इसीलिए जिन्हें काले अंधेरों और पारलौकिक ताकतों से डर लगता है, उन्हें यह साधना नहीं करनी चाहिए.
4. साधना से पहले आपको अपने गुरू का ध्यान जरूर करना चाहिए.
5. मंत्रों का जाप शुक्ल पक्ष में ही करें. बगलामुखी साधना के लिए नवरात्रि सबसे उपयुक्त है.
6. उत्तर की ओर देखते हुए ही साधना आरंभ करें.
7. मंत्र जाप करते समय अगर आपकी आवाज अपने आप तेज हो जाए तो चिंता ना करें.
8. जब तक आप साधना कर रहे हैं तब तक इस बात की चर्चा किसी से भी ना करें.
9. साधना करते समय अपने आसपास घी और तेल के दिये जलाएं.
10. साधना करते समय आपके वस्त्र और आसन पीले रंग का होना चाहिए.