सुबह-सुबह पूजा करने का विशेष महत्व

सुबह-सुबह पूजा
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शास्त्रों के अनुसार प्रभु भक्ति के लिए सुबह का समय श्रेष्ठ बताया गया है क्योंकि सुबह हमारा मन एकाग्रचित्त रहता है। नींद से जागने के बाद हमारा मन शांत और स्थिर रहता है। इधर-उधर की बातों से हमारा दिमाग बचा रहता है। भक्ति के लिए जरूरी है कि हमारा मन एकाग्र रहे ताकि प्रभु में पूरा ध्यान लग सके।

दिन के अन्य समय में हम कई कार्य करते हैं जो कि हमारे मस्तिष्क को पूरी तरह प्रभावित करते हैं। जिससे मन अशांत हो जाता है, अधार्मिक बातों में भी मन उलझ जाता है। और फिर भक्ति में ध्यान लगाना मुश्किल हो जाता है। इसलिये शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त को पूजादि कर्मों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है।


भगवान उसी भक्ति से प्रसन्न होते हैं जहां शांत हो और किसी भी प्रकार की अधार्मिक बातें ना हो। सुबह की पूजा के प्रभाव से हमारे मन को इतना बल मिलता है कि दिनभर के सारे तनाव आसानी से सहन हो जाते है। दिमाग तेजी से चलता है, कई योजनाओं पर कार्य कर पाते हैं। 

घर में तुलसी , लोग नहीं जानते ये बातें



तुलसी की पूजा
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तुलसी आमतौर पर सभी हिंदू परिवारों के घरों में होती है। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार तुलसी को पूजनीय और पवित्र माना गया है। तुलसी घर में होने से कई प्रकार के दैवीय और चिकित्सकीय लाभ प्राप्त होते हैं।

तुलसी के कई प्रकार के उपाय बताए गए हैं। उपाय सामान्य है तो कुछ आयुर्वेद से जुड़े हुए हैं। तुलसी का पौधा पूज्य और पवित्र तो है साथ ही इसमें कई आयुर्वेदिक गुण भी हैं। तुलसी के औषधीय गुणों से कफ आदि रोगों में बचाव हो जाता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसलिए तुलसी के पत्तों का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए।
  तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्तों का सेवन करते समय ध्यान रखना चाहिए कि इन पत्तों को चबाए नहीं बल्कि ऐसे ही निगल लेना चाहिए। तुलसी का सेवन करने से रोगों में लाभ होता है। पारा धातु भी विद्यमान होती है जो कि चबाने से दांतों पर लगती है। यह दांतों के लिए फायदेमंद नहीं है। इससे दांत और मुंह से संबंधित रोग का खतरा बना रहता है
शास्त्रों के अनुसार जिन लोगों के घर में तुलसी का पौधा होता है उन्हें कई प्रकार के चमत्कारी फायदें प्राप्त होते हैं।
  • संजीवनी बूटी भी कहा जाता है। इसका उपयोग कई प्रकार की औषधियों में किया जाता है।
  • भोजन को शुद्ध और पवित्र करते हैं। इसीलिए सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण के समय भोजन में तुलसी के पत्ते डालें जाते हैं।
  • शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के बाद शव के मुख में तुलसी के पत्ते डाले जाते हैं। इस संबंध में माना जाता है कि इससे मृत व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है।
  • घर-आंगन में होने से वातावरण शुद्ध और पवित्र बना रहता है। कई प्रकार के वास्तु दोष भी समाप्त हो जाते हैं।
  • जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां सभी देवी-देवताओं की कृपा बरसती है। परिवार की नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती है।
  • पौधे में प्रतिदिन पानी देने और उसकी कांट-छांट करने, से त्वचा संबंधी कई बीमारियां में लाभ होता है।
  • पानी में तुलसी के पत्ते डालकर पीने से पानी एक टॉनिक का काम करता है।
  • तुलसी के पत्ते का नियमित रूप से सेवन करने पर व्यक्ति को खून की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।
  • बिना उपयोग तुलसी के पत्ते कभी नहीं तोडऩा चाहिए। ऐसा करने पर दोष लगता है। अनावश्यक रूप से तुलसी के पत्ते तोडऩा तुलसी को नष्ट करने के समान माना गया है।
  • घर के आंगन में तुलसी का पौधा हो तो घर का कलह और अशांति दूर होती है। इसके साथ ही पौधा होने पर घर-परिवार में महालक्ष्मी की कृपा भी रहती है। शास्त्रों में भगवान विष्णु और तुलसी के विवाह का वर्णन मिलता है। तुलसी को विष्णुप्रिया भी कहा जाता है।
  • दही के साथ चीनी और तुलसी के पत्तों का सेवन करना बहुत शुभ माना जाता है। कार्य में मन लगा रहता है। मानसिक तनाव नहीं रहता और शरीर ऊर्जावान रहता है।

बालाजी दरबार

हनुमान चालीसा के चमत्कार जानेंगे तो आप भी

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त्रेता युग हो या द्वापर युग हो या कलियुग हो, हर युग में हनुमानजी असंभव काम को भी संभव कर देते हैं। जो भी व्यक्ति इनकी पूजा करता है, ध्यान करता है उसके जीवन में सभी समस्याएं निश्चित ही समाप्त हो जाती हैं। हनुमानजी को प्रसन्न करने का लोकप्रिय उपाय है हनुमान चालीसा का पाठ। हनुमान चालीसा की एक पंक्ति के चमत्कारी प्रभाव..
हनुमान चालीसा में चालीसा दोहे होते हैं और इन दोहों की हर एक पंक्ति का चमत्कारी असर होता है। इन पंक्तियों में सबसे अधिक लोकप्रिय है:
भूतपिशाच निकट नहीं आवे। महाबीर जब नाम सुनावे।
अर्थ है- जो व्यक्ति महावीर का नाम जपता है तो उसके आसपास भूत-पिशाच नहीं भटकते। इस पंक्ति से भूत बाधा और बुरी नजर के दोष दूर होते हैं।
हनुमान चालीसा की एक लोकप्रिय पंक्ति है। लोग वर्षों से इसे मंत्र के रूप में जपते हैं। बच्चों को तो विशेषकर ये सिखाई जाती हैं। गोस्वामी तुलसीदासजी ने ये पंक्तियां इसलिए लिखी थीं कि मनुष्य निर्भय हो जाए। दुर्गुण, बुराइयां, भूत और पिशाच की तरह मनुष्य से चिपक जाते हैं। इनका स्मरण करने पर मनुष्य दुर्गुणों से दूर रहता है

बजरंगबली की भक्ती करने वाले व्यक्ति को श्रीराम की भी विशेष कृपा प्राप्त हो जाती है। ज्योतिष के अनुसार शनि देव भी हनुमानजी के भक्तों पर दुष्प्रभाव नहीं डालते हैं। हनुमानजी को शिवजी का अवतार माना जाता है अत: जो भी व्यक्ति हनुमानजी की भक्ती करता है उसे शिवजी की कृपा भी प्राप्त हो जाती है।

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Balaji Darbar: Sri Rama leaves the earth

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Balaji Darbar: Ramayan SunderKand

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आध्यात्मिक विचार

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Sri Rama leaves the earth


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Apne Bal ko kuchh Dhyan karo Hanuman


Suryaputra Shanidev


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JAI SHANI DEV JI KI AARTI


HANUMAAN JI KI AARTI


Geeta Saar

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संत श्री प्रवीण बालाजी महाराज

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 कन्या के शीघ्र विवाह के लिए

 ऋण से छुटकारा पाने के लिए।
 शोक और चिंता दूर करने के लिए
 भगवान को मनाने के लिए
 गृहस्थ सुख के लिए
 शराब से छुटकारा पाने के लिए
 मुकदमे मे विजय प्राप्ति के लिए  
 बच्चा पढार्इ मे मन लगाए। 
 शत्रु दमन के लिए
 स्थार्इ सुख समृद्वि के लिए  
 गृह दोष निवारण के लिए  
 शीघ्र विवाह के लिए
 रोग से बचने के लिए  
 मानसिक तनाव से बचने हेतु। 
 ऐश्वर्य के लिए  
 पैसे से सम्बन्धित समस्या के समाधान हेतु  
 हर प्रकार के सुखों को पाने के लिए  
 उपरी हवा से बचाव के लिए  
 प्रेम विवाह मे सफलता हेतु  
 तनाव दूर करने के लिए। 
 अतुल्य धन प्राप्ति हेतु  
 साक्षात्कार में सफलता हेतु। 
 दीर्घायु और निरोगी रहने के लिए।
 निरोगी होने के लिए
 पैतृक धन सम्पत्ती प्राप्ति हेतु। 
 ठप्प कामकाज चालू करने के लिए  
 वृ़द्धावस्था आनन्दप्रद बनाने के लिए  
 स्थार्इ आय के स्रोत के लिए  
 दाम्पत्य जीवन में कड़वाहट दूर करने के लिए। 
 बच्चों की विकृती दूर करने के लिए  
 दुकान की बिक्री में वृद्धि हेतु
 दिया पैसा वापस आने के लिए।
 लड़कों के लिए शीघ्र विवाह एंव सुलक्षणा पत्नी की प्राप्ति के लिए
 मेल मिलाप बढ़ोतरी के लिए। 
 सुखद हवार्इ यात्रा हेतु

 धन हानि तथा चोरी से बचने हेतु  

 अचानक धन लाभ के लिए।
 आँखो की स्वस्थता के लिए। 
 आत्म-सम्मान में बढ़ोतरी के लिए। 
 सुखद हवार्इ यात्रा हेतु। 
 धन हानि तथा चोरी से बचने हेतु। 
 अचानक धन लाभ के लिए। 
 बच्चों का गुस्सा शान्त करने हेतु 
 सन्तान प्राप्ति की मनोकामना के लिए।
 विदेश यात्रा के लिए मनोकामना।
 राजयोग के मनोकामना के लिए। 
 रोजगार-व्यापार प्राप्ति के लिए मनोकामना। 
 नया व्यापार शुरू करने की मनोकामना। 
 शिक्षा प्राप्ति के लिए मनोकामना।
 सफलता प्राप्ति के लिए मनोकामना। 
 स्वास्थ सुधारने के लिए मनोकामना। 
 दुख खत्म होने के लिए मनोकामना। 
 घर जमीन प्राप्ति के लिए मनोकामना। 
 वाहन प्राप्ति के लिए मनोकामना। 
 परिवार के किसी व्यक्ति के मिलने के लिए मनोकामना। 
 विवाह के लिए मनोकामना। 
 गृह कलेश खत्म होने के लिए मनोकामना।