राजयोग योग
पीतल के गणपति भगवान की एक मूर्ति लें (जिसका पहले पूजन न किया गया हो। वह छोटी-बडी़ किसी भी आकार की हो सकती है। बुधवार के दिन प्रात:काल उसे स्नान कराकर, उस पर केसर लगाएं तथा उसे रक्त चंदन का तिलक करें। गुड़ का भोग लगाएं और 21 पुष्पो से पूजन करें। पुष्प कनेर के होने चाहिए। गणपति पर पुष्प चढ़ाते समय अपनी धन-संबंधी कामना को अवश्य करते रहें।
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दिन पांच कुंआरी कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें यथोचित भेंट दें। ऐसा करने पर व्यक्ति जिस कामना से यह साधना करता है, वह अवश्य ही पूर्ण हो जाती हैं।
घर के उत्तर-पश्चिम कोण में मिट्टी के पात्र में कुछ सोने-चांदी के सिक्के लाल वस्त्र में बांधकर रखें। फिर पात्र को गेहूं या चावलो से भर दें। इससे धन का अभाव नहीं रहेगा।
बुधवार के दिन गाय को अपने हाथों से हरी घास खिलाये तो आर्थिक स्थिति की अनुकूलता का योग बनेगा।
पीपल के पांच पत्त्ो लेकर उन्हें पीले चंदन से रंगकर, बहते हुए जल में छोड़ दें। यह उपाय शुक्ल पक्ष से आरंभ करें। गुरु पुष्प नक्षत्र हो तो बहुत अच्छा है।
किसी भी व्यक्ति का ऋण उतारने के लिए किसी भी मंगलवार के दिन शिव मंदिर में जाकर शिव-पिंडी पर मसूर की दाल चढ़ाए। जब तक ऋण न उतर जाए, यह प्रयोग करते रहें।
यदि धनमार्ग अवरुद्ध हो तो केसर तथा पीले चंदन का तिलक मस्तक पर लगाएं। ऐसा करने से आमदनी के स्रोत खुल जाते हैं। यह क्रिया शुक्ल पक्ष के बृहस्पतिवार को दोपहर बारह बजे शुरु करें। मंदिर में जाकर राम दरबार के समक्ष दंड़वत् प्रणाम करते रहें। इससे धन मार्ग प्रशस्त हो जायेगा।
प्रत्येक गुरुवार को पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ायें । इससे राजयोग योग बनता है।
किसी भी शुभ समय में एक पंचमुखी रूद्राक्ष तथा स्फटिक के 2 मोतियों को अभिमंत्रित करें। फिर रूद्राक्ष के दोनों ओर उन मोतियों को लाल धागे में पिरोकर धारण करने से आपके जीवन में राजयोग बनेगा।
सुख, समृद्धि एवं उन्नति के लिए किसी भी महीने के पहले गुरुवार के दिन कच्चे सूत को केसर से रंग कर अपने घर के बाहरी दरवाजे पर बांध दें।
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