सिर व पेट की परेशानियां

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धर्म ही नहीं विज्ञान भी यह मानता है कि चन्द्र का प्रभाव पूरे जगत पर होता है। चन्द्र को खासतौर पर जलतत्व और मन का कारक माना गया है। मन की अच्छी या बुरी स्थिति ही ज़िंदगी में सफलता और असफलता नियत करती है। 

मन कमजोर होने पर अशांतिबैचेनीक्रोधकलह से बुरे विचार पैदा होते हैं। कि तनमन और दिमाग से जुड़ी कई समस्याओं से मुक्ति के लिए चन्द्र उपासना भी श्रेष्ठ उपाय माना गया है। पेट व दिमाग से जुड़ी परेशानियों से निजात पाने का एक उपाय।

शिव भक्ति के सारे दिन सोम यानी चन्द्र दोष शांति के लिए बहुत है।  मन ही नहीं तन की सेहत और खूबसूरती भी चन्द्र के शुभ और अशुभ होने पर निर्भर है। चन्द्र दोष कई रोगों का भी कारण बन सकता हैंजिसका संबंध शरीर के महत्वपूर्ण अंगो से है।

अंग है - पेटनेत्र और प्रजनन अंग। किंतु चंद्र के अनुकूल होने पर व्यक्ति खूबसूरत आंखों वालापेट रोग से मुक्त होता है। संतान बाधा भी दूर होती है। 


आप भी ऊपर बताई मानसिक या शारीरिक समस्याओं से दु:खी हैं तो शिव भक्ति के दिनसोमवार व प्रदोष के दिन चंद्र पूजा व यथाशक्ति सोम गायत्री का उपाय करें।

चंद्र की सामान्य पूजा विधि
  • सुबह स्नान कर नवग्रह मंदिर या घर में स्नान के बाद चन्द्र की प्रतिमा की गंधसफेद चन्दनअक्षतसफेद फूलदूधसफेद वस्त्र चढ़ाकर पूजा करें। 
  • चंद्र के साथ शिव की भी पूजा करें, शिव चंद्रशेखर भी कहलाते हैं, शिव पूजा चन्द्र पूजा का ही फल देती है।
  • पूजा में सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं। 
  • कन्या के विवाह बाधा दूर करने का अचूक उपाय है- 
  • पूजा और आरती के बाद क्षमा प्रार्थना कर मानसिक कष्टों और पेट रोगों से मुक्ति की कामना करें।

शमी पत्र का चढ़ावा

शमी का फूल
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मानसिक राहत पाने के लिए व्यावहारिक तौर पर संयम व सूझ-बूझ से उलझनों को सुलझाना एक उपाय है। वहीं धार्मिक तरीकों में भगवान गणेश की उपासना भी मानसिक ऊर्जा और शक्ति देने वाली मानी गई है। भगवान गणेश की उपासना में भी कुछ विशेष और सरल उपाय मन ही नहीं घर-परिवार से अशांति को दूर रखने वाले माने गए हैं। 
उपायों एक है- भगवान गणेश को शमी पत्र अर्पित करना। धार्मिक मान्यताओं में शमी का वृक्ष बड़ी ही मंगलकारी माना गया है। चतुर्थी को शमी का ही सुख-शांति देने वाला उपाय - 
शमी पत्र श्रीगणेश को दूर्वा की तरह ही बहुत प्यारा है। यह 'वह्निवृक्ष या पत्रनाम से भी जाना जाता है। शिव का वास भी माना गया हैजो श्री गणेश के पिता हैं और मानसिक क्लेशों से मुक्ति देने वाले देवता हैं। 
शमी पत्र का चढ़ावा श्रीगणेश की प्रसन्नता से बुद्धि को पवित्र कर मानसिक बल देने वाला माना गया है। अगर आप भी मन और परिवार को शांत और सुखी रखना चाहते हैं तो गणेशजी को शमी पत्र अर्पित करें - 
  • सुबह स्नान कर भगवान श्रीगणेश का ध्यान और पूजा करें। 
  • पूजा में पारंपरिक रूप से गंधअक्षतफूलसिंदूर के साथ शमी पत्र अर्पित करें - 
  • शमी पत्रों के गणेश को अर्पण कर आरती करें और मंगलकारी शमीपत्रों की भांति जीवन में शांति और मंगल की कामना करें। 

फूल से शिव पूजा शुभ

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शिव की उपासना में बिल्वपत्र का चढ़ावा बहुत ही शुभ और पुण्य देने वाला माना जाता है। धार्मिक आस्था है कि बिल्वपत्र का शिव को चढ़ावा जन्मान्तर के पाप और दोषों का नाश करता है। शिव की पूजा में कुदरती सामग्रियों के चढ़ावे का महत्व है। पेड़-पौधों के पत्ते, फूल और फल शामिल हैं। 


फूल-पत्तों में कुछ ऐसे भी हैं, जिनको शिव पूजा में चढ़ाना बिल्वपत्र से भी ज्यादा पुण्य और फल देने वाला माना गया है। धार्मिक नजरिए से जानिए शिव को चढ़ाए जाने वाले फूल और पत्ते कौन से हैं -

- एक फूल चढ़ाना सोने के दान के बराबर फल देता है

- 1000 के फूल के बराबर एक कनेर का फूल फलदायी

- 1000 कनेर के फूल के बराबर एक बिल्वपत्र फल देता है

- 1000 बिल्वपत्रों के बराबर एक द्रोण या गूमा फूल फलदायी,

- 1000 गूमा के बराबर एक चिचिड़ा

- 1000 चिचिड़ा के बराबर एक कुश का फूल

- 1000 कुश फूलों के बराबर एक शमी का पत्ता

- 1000 शमी के पत्तो के बराबर एक नीलकमल

- 1000 नीलकमल से ज्यादा एक धतूरा और 

- 1000 धतूरों से भी ज्यादा एक शमी का फूल शुभ और पुण्य     देने वाला होता है। 

देवी मंत्र से नवग्रहों की शांति

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आदिशक्ति दुर्गा जगतजननी हैं। यह मातृशक्ति ही चर-अचर जगत की रचनापालन और नियंत्रण करने वाली है। इसी कड़ी में देवी दुर्गा को ही ग्रह-नक्षत्रों की गति और प्रभाव को नियत करने वाला माना गया है। इसलिए देवी उपासना से ग्रह दोष शांति के उपाय बताए गए हैं। 

सुख-शांति पाने के लिए गुप्त नवरात्रि भी अचूक घड़ी मानी गई है। देवी उपासना के विशेष मंत्रों का जप ग्रह दोष को दूर कर देता है। एक ऐसा ही शक्तिशाली देवी मंत्र, जिसके स्मरण या जप से सारे ग्रह दोष बेअसर हो जाते हैं।

यह मंत्र नौ अक्षरी या नर्वाण देवी बीज मंत्र है। मंत्र के नौ अक्षर नवदुर्गा की नौ शक्तियां मानी गई हैं। नौ शक्तियां ही नवग्रहों में से एक-एक ग्रह की नियंत्रक मानी गई है।
ग्रह हैं - सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु।
इसके पहले तीन बीज अक्षर महाकाली, महासरस्वती व महालक्ष्मी स्वरूप अक्षर ब्रह्म भी माने गए हैं। मंत्र के जप का नवग्रह दोष शांति के साथ समृद्धि पाने में भी विशेष महत्व है।
मंत्र -  ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।  
नवरात्रि में इस मंत्र का 9 दिनों तक यथाशकित जप करें। यह मंत्र दोष शांति कर सांसारिक कामनाओं की पूर्ति के साथ ही दु:ख, संकट व संताप से रक्षा करता है।