अँधेरे पर उजालों की जीत तथा असत्य पर सत्य की विजय के आधार को ध्यान में रख कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दीपावली का त्यौहारपूरे भारतवर्ष में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है | इस महापर्व के सुअवसर पर हिंदू , सिख, बौध ,जैन सभी विघ्नहर्ताभगवान गणेश और माता महालक्ष्मीका पूजन करते हैं | हिन्दू धर्म ग्रन्थ में वर्णित कथाओं के अनुसार दीपावली का यह पावन त्यौहार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के 14 वर्ष के बाद बनवास के बाद अपने राज्य में वापस लौटने की स्मृति में मनाया जाता है | व्यापारीगण दिपावली के दिन दीपों की माला सजाकर नई बही खातों का मुहूर्त करते हैं
इस दिन दीपकों की पूजा का विशेष महत्व होता है | इस दिन रात के अंधेरे को दूर करते हुए माना जाता है कि दीपमाला को लगा कर प्रकाश के द्वाराअसत्य पर सत्य की जीत व आध्यात्मिक अज्ञानता को दूर किया जा रहा है | इन सभी धर्मप्रेमियोंका ये विश्वास है कि मां लक्ष्मी की पूजा करने से उनके घर में कभी भी दरिद्रता का वास नहीं होगा और वे सदा ही अन्न, धन, धान्य व वैभव से संपन्न रहेंगे | दिपावली का ये पर्वसही अर्थोंमें समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का सन्देश फैलता है |