वो तो बस चाहता था कि उसका बेटा ठीक हो जाए…
क्या
सच में उसमें शक्तियां थीं? क्या सच में वो एक जादूगर था जो इस दुनिया को
तबाह कर देता और इसीलिए उन चुड़ैलों ने उसे मार डाला…? क्या उन्होंने ऐसा
कर के ठीक किया या यह उनकी सबसे बड़ी भूल थी? यह कहानी है एक ऐसे काले जादू
की जिसने पूरे परिवार को ही निगल लिया… और ना जानें कितनी जानें लेना बाकी
है अभी!
वो तो बस चाहता था कि उसका बेटा ठीक हो जाए…
भारत एक
ऐसा देश है जहां कभी भी किसी भी समय कोई अजीबोगरीब व विचित्र घटना घट सकती
है, जिसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते. भारत का इतिहास साक्षी है कि भारत
के कोने-कोने में अंधविश्वास व क्रूरता समाई है. आप विश्वास करें या ना
करें, यहां के लोग आपको इस घेरे में डाल ही देते हैं. यहां आएदिन कोई ना
कोई अंधविश्वासों की बलि चढ़ता रहता है और इसी बात का शिकार हुआ मध्य प्रदेश
का रहने वाला बृजलाल चोपड़ा.
उसका
बीमार बेटा ठीक नहीं हो रहा था और परिवार को ऐसा लगा कि जरूर बच्चे के ऊपर
कोई काला साया मंडरा रहा है. वो उसे पास में मौजूद एक कबीले में ले गए जहां
काले जादू से निजात पाया जा सकता है, लेकिन वहां जो हुआ उसे सुनकर भी रूंह
कांप उठे.
वो चीखता-चिल्लाता रहा लेकिन जालिम हंसते रहे
कबीले की
सरदार है पार्वती, जिसके साथियों ने ऐसा जाल बिछाया कि बृजलाल, उसकी पत्नी व
उसका 10 साल का बेटा उससे बाहर ना निकल सके. बृजलाल अपने बेटे को लेकर अभी
कबीले में गया ही था कि वहां मौजूद लोगों ने बृजलाल को ही एक जादूगर कह कर
उसे घेर लिया. उनका कहना था कि बृजलाल एक बहुत बड़ा जादूगर है और इसका मरना
इस संसार के लिए बहुत आवश्यक है.
पार्वती
ने अपने कबीले के लोगों को बृजलाल को मारने का आदेश दिया. उन्होंने बृजलाल
को घेर लिया, उसके आस-पास नाचने लगे, किसी के हाथ में त्रिशूल था तो किसी
के हाथ में तेज-तरार कुल्हाड़ी. उनमें से एक तेजी से ब्रिजलाल की ओर बड़ा और
उसने उसके हाथ काट दिए. बृजलाल चीखा, चिल्लाया, बार-बार कहता रहा कि मैं
कोई जादूगर नहीं हूं, लेकिन उसकी आवाज उन सबके गाने व हंसने में दब सी गई.
उन जालिमों ने बृजलाल को मिट्टी के तेल से भीगे हुए कपड़ों के चीथड़ों की मदद
से जिंदा जला डाला और देखते ही देखते बृजलाल का शरीर राख में तब्दील हो
गया.
क्यों की ऐसी हैवानियत?
बृजलाल को
एक जादूगर कहने के बाद पार्वती ने अपने लोगों से यह कहा कि इसकी सारी
शक्तियां इसके हाथों में है इसीलिए उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे बृजलाल के
दोनों हाथ काट डाले. इसके बाद ब्रिजलाल कभी भी किसी पर हावी ना हो सके और
उसकी सारी शक्तियां भस्म हो जाएं, इसके लिए उन्होंने बृजलाल को जिंदा जला
डाला.
यह सारा
दृश्य ब्रजलाल के 10 साल के बेटे व उसकी पत्नी के सामने घटा. वे दोनों मदद
की गुहार लगाते रहे, चिल्लाए, बृजलाल की जान की भीख मांगी लेकिन उन्होंने
उनकी एक ना सुनी. इस सब हरकत को अंजाम देने कें बाद उन्होंने ब्रिजलाल की
पत्नी सुष्मा व उसके बेटे को वहां से जाने की अनुमति दे दी लेकिन उन्हें एक
चेतावनी दी कि अगर उन्होंने इस बारे में किसी से भी कुछ भी कहा तो अंजाम
बहुत बुरा होगा.
नहीं बच पाया वो परिवार…
अपने पति
की मौत और पूरे परिवार को खत्म सा होता देख सुष्मा रात भर पुलिस स्टेशन के
चक्कर काटती रही. मां-बेटे ने पुलिस को एक-एक बात बताई कि किस तरह से उन
चुड़ैलों ने बृजलाल को जिंदा भस्म कर डाला.
फिल्हाल
चुड़ैलों के इस पूरे गुट को उनकी सरदार पार्वती समेत पुलिस द्वारा हिरासत
में ले लिया गया है और कहा जा रहा है कि जल्द ही उन्हें सजा-ए-मौत सुनाई जा
सकती है. कानून अब इस हादसे को किस तरह का मोड़ देता है यह तो वक्त ही
बताएगा लेकिन इस घटना ने एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सच में
दुनिया में काला जादू होता है और यदि होता है तो क्या इस वजह से हर रोज
किसी निर्दोश को बलि पर चढ़ना होगा? सवाल तो अनेक हैं लेकिन शायद जवाब मिलना
काफी मुश्किल है.