कहाँ हैं भगवान ?

राम नाई की दुकान पर बाल कटवाने गया। नाई से बाल कटाते समय अक्सर देश-दुनिया की बातें हुआ करती थी। आज भी जब वो बाल कटवाने गया तो सिनेमा, राजनीति और खेल जगत आदि के बारे में चर्चा होने लगी अचानक भगवान के अस्तित्व को लेकर बात होने लगी। 

नाई ने कहा,"देखिये भैया! आपकी तरह मैं भगवान के अस्तित्व में यकीन नहीं रखता।"

राम बोला,"तुम ऐसा क्यों कहते हो?"

नाई ने कहा," ये समझना बहुत आसान है, बस गली में जाइए और आप समझ जायेंगे कि भगवान नहीं है। आप ही बताइए कि अगर भगवान होते तो क्या इतने लोग बीमार होते? इतने बच्चे अनाथ होते? अगर भगवान होते तो किसी को कोई दर्द कोई तकलीफ होती? मैं ऐसे भगवान के बारे में नहीं सोच सकता जो इन सब चीजों को होने दे। आप ही बताइए कहाँ है भगवान?"

राम के पास उसकी बात का कोई उत्तर नहीं था इसलिए चुप ही रहा। नाई से बाल बनवाए और कुछ सोचते हुए दुकान से बाहर निकला और कुछ दूर जाकर खड़ा हो गया। कुछ देर इंतज़ार करने के बाद उसे एक लम्बी दाढ़ी-मूंछ वाला अधेड़ व्यक्ति आता दिखाई पड़ा, उसे देखकर लगता था मानो वो कितने दिनों से नहाया ना हो।

राम तुरंत नाई कि दुकान में वापस घुस गया और बोला, जानते हो इस दुनिया में नाई नहीं होते।

नाई ने कहा,"भला कैसे नहीं होते? मैं साक्षात तुम्हारे सामने हूँ।"

राम बोला,"अगर ऐसा होता तो किसी की भी लम्बी दाढ़ी-मूंछ नहीं होती पर वो देखो सामने उस आदमी की कितनी लम्बी दाढ़ी-मूंछ है।"

नाई ने कहा,"अरे नहीं भाई साहब नाई होते हैं लेकिन बहुत से लोग हमारे पास आते ही नही।" 

राम बोला," बिल्कुल सही कहा आपने भगवान भी होते हैं पर लोग उनके पास नहीं जाते और ना ही उन्हें खोजने का प्रयास करते हैं, इसीलिए दुनिया में इतना दु:ख-दर्द है