संकट की अचूक काट, हनुमान स्तुति

श्री हनुमान संकटमोचक
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श्री हनुमान संकटमोचक देवता माने गए हैं। यहां तक कि उनका नाम लेने से ही संकटमोचन की शुरुआत हो जाती है। श्री हनुमान शिव का अवतार होने से कल्याणकारी शक्तियों के स्वामी भी हैं। उनके स्मरण या भक्ति बुरी वृत्तियों, विचारों और कर्म से दूर कर पावन बुद्धि, चेष्टा से जोड़ती है। जिससे हर भक्ति के जीवन में सुख-शांति आती है। 
यही नहीं कालों के काल महाकाल का अवतारी स्वरूप होने से श्री हनुमान बुरे वक्त की मार से रक्षा कर, समय को अनुकूल, सुख-समृद्ध भी कर देते हैं। हर संकट की काट के लिए हनुमान उपासना का महत्व बताया गया है। 
संकटमोचन की कामना से ही श्री हनुमान स्मरण के लिए सबसे आसान स्तुति है – 
संकटमोचन हनुमान अष्टक।
ऐसा पाठ है, जिसमें हनुमान की शक्तियों और गुणों का भाव भरा स्मरण और गुणगान है, जिससे ग्रहदोष शांति भी होती है। 

हनुमान जयंती, संकट के वक्त या अशंका के चलते इस हनुमान अष्टक का यथासंभव श्री हनुमान की पूजा सिंदूर, लाल फूल और चना-गुड़ का भोग लगाने के बाद पाठ करें और हनुमान आरती करें।