www.balajidarbar.com |
गुरु और शिष्य का संबंध तमाम सांसारिक रिश्तों
में श्रेष्ठ माना गया है. क्योंकि धर्म, अध्यात्म या व्यावहारिक जीवन किसी भी रूप में
गुरु की ज्ञान व शक्ति की ऊर्जा व रोशनी शिष्य के चरित्र, व्यक्तित्व
और व्यवहार को उजला बनाकर जीवन के तमाम दोष,
दुर्गण और विकार रूपी अंधकार का नाश
करती है मानसिक और व्यावहारिक मुश्किलों में एक श्रेष्ठ गुरु मिलना कठिन है. अगर
आप भी संकटमोचक गुरु की आस रखते हैं तो गुरु पूर्णिमा की शुभ घड़ी में आप एक श्रेष्ठ
गुरु पाने के साथ सफलता के गुरु मंत्र सीख सकते हैं –
सूत्र है - संकटमोचक हनुमान को इष्ट बनाकर गुरु
के समान सेवा, भक्ति. पूर्णिमा तिथि पर श्री हनुमान उपासना का
शुभ मानी जाती है. क्योंकि श्री हनुमान का जन्म भी पूर्णिमा तिथि पर माना गया है. गुरु
मान उनके चरित्र का स्मरण सफल जीवन के लिए मार्गदर्शन ही नहीं करता है, बल्कि
संकटमोचक भी साबित होता है. हनुमान के चरित्र से कामयाबी के गुरु मंत्र-गोस्वामी
तुलसीदास द्वारा हनुमान भक्ति के रची गई हनुमान चालीसा की शुरुआत गुरु स्मरण से ही
होती है, जिसमें श्री हनुमान के प्रति भी गुरु भक्ति का
भाव छुपा है.
विनम्रता - गुण और शक्ति संपन्न होने पर भी
हनुमान अहंकार से मुक्त रहे. हमेशा नम्रता और सीखने का भाव मन में कायम रखें.
मान और समर्पण - श्री हनुमान ने हर रिश्तों को
मान दिया और उसके प्रति समर्पित रहे, फिर चाहे वह माता हो, वानर
राज सुग्रीव या इष्ट भगवान राम. परिवार और अपने क्षेत्र से जुड़े हर संबंध में
मधुरता बनाए रखें. क्योंकि इन रिश्तों के प्रेम, सहयोग और विश्वास से मिली ऊर्जा, उत्साह
आपकी सफलता तय कर देती है.
कृतज्ञता - जीवन में दंभ रहित या आत्म प्रशंसा
का भाव पतन का कारण होती है. श्री हनुमान से कृतज्ञता के भाव जीवन में उतारे. अपनी
सफलता में परिजनों, इष्टजनों और बड़ों का योगदान न भूलें.
धैर्य और निर्भयता - श्री हनुमान से धैर्य और
निडरता का सूत्र जीवन की तमाम मुश्किल हालात में भी मनोबल देता है. जिसके दम पर ही
लंका में जाकर हनुमान ने रावण राज के अंत का बिगुल बजाया.
विवेक और निर्णय क्षमता - श्री हनुमान ने सीता
खोज में समुद्र पार करते वक्त सुरसा, सिंहिका,
मेनाक पर्वत जैसी अनेक बाधाओं का सामना
किया. किंतु बुद्धि, विवेक और सही निर्णय लेकर बिना प्रलोभन से अपने लक्ष्य की ओर बढें.
तालमेल की क्षमता - श्री हनुमान ने अपने स्वभाव व
व्यवहार से हर स्थिति, काल और अवसर से तालमेल बैठाया और हर युग और काल में
सबके प्रिय बने.