आध्यात्मिक जीवन की दृष्टि

आध्यात्मिकता का अर्थ जिम्मेदारी से भागना नहीं अपितु जिम्मेदारी लेने का नाम है.
आध्यात्मिक जीवन का अर्थ है अधिक जिम्मेदारियां लेना. यदि आप यह सोचते हैं कि अपने जीवनसाथी और बच्चों को संभालना ज्यादा कठिन है तो आपको और व्यक्ति दिये जाएंगे संभालने के लिये.
यदि आप 20 लोगों की, 2,000 लोगो की, 20,000 लोगों की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं तो आप आध्यात्मिकता के पथ पर हैं. आध्यात्मिकता का अर्थ जिम्मेदारी से भागना नहीं अपितु जिम्मेदारी लेने का नाम है.
आध्यात्मिकता का पथ जिम्मेदारी से भागना नहीं
आध्यात्मिकता का पथ कठिन श्रम से भागना नहीं है. बुद्धिमत्ता और कुशलता से कार्य करना आध्यात्मिक जीवन का भाग है. जब आप कठिन श्रम करते हैं तो करुणा के हकदार हो जाते हैं. मैं कहता हूं कि यदि आप कठिन श्रम करें और पूर्ण बुद्धिमता से करें तो आपको प्रोत्साहन मिलना चाहिए न कि करुणा. यदि कोई व्यक्ति किसी कार्य को करने में पांच घंटे लगाता है और दूसरा उसी कार्य को आधा घंटे में करता है तो उसे करुणा की आवश्यकता नहीं है.
शांति की पहचान
शांति आध्यात्मिक जीवन का एक और पहलू है. यह जानना कि शांति आपका स्वभाव है, आप किसी भी क्षण बैठ जाएं और उसे जान लें. आप अपने भीतर यह जान लें कि आप भीतर से शुद्ध और गहरे हैं. आपका भीतर ही आप हैं. यह अनुभव करना कि ‘मैं ही शांत हूं, मैं शांति में हूं, मैं शांति में ही चला जाऊंगा. शांति ही मेरा उद्भव है और मेरा गंतव्य भी.’ यह स्थिति आपको साधक बनाती है.
पवित्रता का बोध
आध्यात्मिक जीवन का एक और दृष्टिकोण है-पवित्रता का बोध. आप को जो भी मिला है और जीवन के हर पहलू के प्रति कृतज्ञता का बोध हो तो यह पवित्रता का बोध कराता है. पवित्रता में सजगता है. आपका मन भय, क्रोध और पवित्रता में सजग रहता है.