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हनुमानजी का दिव्य और संकटमोचक चरित्र
श्रीरामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड में उजागर होता है। इसमें रुद्रावतार श्रीहनुमान
के जरिए कर्म, समर्पण, पराक्रम, प्रेम, परोपकार, मित्रता, वफादारी जैसे कई आदर्शों के दर्शन होते हैं। इसलिए सुन्दरकाण्ड का पाठ
व्यावहारिक तौर पर भी संकट, विपत्तियों और परेशानियों को दूर करने में बहुत ही
असरदार माना जाता है।
इसी सुन्दरकाण्ड में दी गई श्रीहनुमान की एक छोटी सी
स्तुति का नियमित पाठ सारी परेशानियों व अड़चनों से छुटकारा देने के साथ हर इच्छा
व काम पूरे करता है। यह स्तुति शनि दोष या दशा के बुरे असर से भी बचाने वाली मानी
गई है। यह हनुमान स्तुति छोटी होने से इसका पाठ समयाभाव में भी संभव है।
शिव भक्ति के सावन महीने और रुद्रावतार श्रीहनुमान
उपासना के विशेष दिन मंगलवार और शनिवार को इच्छापूर्ति और शनि पीड़ा से रक्षा के
लिए इस हनुमान स्तुति का पाठ अवश्य करें।
- सुबह स्नान करें और बोल, विचार और व्यवहार की पवित्रता का संकल्प लें।
- घर या देवालय में हनुमानजी को चंदन, सुगंधित तेल व सिंदूर, लाल फूल, अक्षत चढ़ाएं।
- गुग्गल अगरबत्ती या धूप बत्ती और घी के दीप जलाकर पूजा करें। केले, गुड़ या चने का भोग लगाएं।
- इसके बाद सुन्दरकाण्ड स्तुति का श्रद्धा और आस्था से पाठ करें-
इस स्तुति का नित्य पाठ रोजमर्रा के कामों में आने
वाली बाधा और परेशानियों को भी दूर कर चिंता और तनाव से बचाती है।