पीपल की जड़ की मिट्टी www.balajidarbar.com |
भगवान शिव पंचतत्वों में
एक पृथ्वी तत्व के स्वामी, मृत्युलोक के अधिपति और प्रकृति स्वरूप भी माने गए हैं। प्रकृति रूप देव पूजा
परंपराओं में ही पीपल भी देव वृक्ष माना गया है। पवित्र वृक्ष में कई देवी-देवताओं
के साथ शिव का भी वास होता है
शिव भक्ति के शुभ काल सावन महीने में पीपल की जड़ की मिट्टी का ऐसा
उपाय है, जिससे तमाम सांसारिक व भौतिक कामनाएं पूरी हो जाती है। खासतौर पर
धन की कामना पूरी करने के लिए यह उपाय अचूक माना गया है।
शिव के ही निराकार स्वरूप पार्थिव या मिट्टी के शिवलिंग की पूजा धन, सेहत व संतान सहित
हर खुशी देने वाली मानी गई है। इसके लिए पीपल के पेड़ की जड़ की मिट्टी या गंगा नदी की मिट्टी बहुत ही
पवित्र मानी जाती है। पार्थिव शिवलिंग रचना व पूजा किसी विद्वान ब्राह्मण के
मार्गदर्शन में करें तो। पूजा के दौरान पार्थिव शिवलिंग की फूलों-पत्तों से ढंककर
पूजा करें। इससे लिंग की मिट्टी का क्षरण नहीं होता। पूजा के बाद पार्थिव
शिवलिंगों को तीर्थ जल में विसर्जित करें।
- सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन किसी पवित्र जगह की मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग बनाए।
- - भगवान शिव का ध्यान कर पूजन शुरु करें।
- ॐ नम: शिवाय । ॐ महेश्वराय नम:। ॐ शम्भवे नम: यह मंत्र बोलकर पाद्य, अर्घ्य और आचमन करें।
- पार्थिव शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं।
पंचामृत स्नान के बाद सरल पूजा
सामग्री चढ़ाकर पूजा करें -
- वस्त्र अर्पित करें।
- जनेऊ अर्पित करें।
- फिर से आचमन करें।
- गंध अर्पित करें।
- अक्षत चढ़ाए।
- बिल्वपत्र, धतूरा समर्पित करें।
- धूप लगाएं।
- दीप प्रज्जवलित करें।
- नैवेद्यं लगाएं।
- मौसमी फल चढ़ाएं।
- फिर से आचमन करें।
- सुपारी चढाएं।
- दक्षिणा अर्पित करें।
- नमस्कार करें।
- ॐ पार्थिवेश्वराय नम: बोलकर फूल चढ़ाकर क्षमा मांग कामनापूर्ति की प्रार्थना करें।
- पंचामृत व प्रसाद ग्रहण करें। तीर्थजल से घर को पवित्र करें।