· मंदिरों की नगरी ऋषि केश में हिन्दुओ के प्रमुख ईष्ट महादेव शिव के तीन सिद्वस्थल है जिसमें से दो सि़द्वपीठों में सोमेश्वर व वीरभद्रेश्वर के बारे में आप इसी ब्लाग पर पढ सकते है ।लक्ष्मण झूला मार्ग पर चन्द्रभागा पुल को पार कर चन्द्रेशवर नगर में गंगा नदी के करीब यह मंदिर स्थित है ।यह स्थान बेहद रमणीक जहां शिव भक्तों की आवाजाही ,पूजा अर्चना हमेशा चलती रहती है।
पौराणिक आख्यानों के अनुसार समुद्र मंथन के बाद आदिकाल में चन्द्रमा ने इसी स्थान हजारों वर्षो तक भगवान शिव की कठिन तपस्या की । चन्द्रमा की अराधना से प्रसन्न हो
· शिव ने चन्द्रमा को साक्षात् दर्शन देकर वर मांगने को कहा चन्द्रमा हाथ जोडकर प्रार्थना करते हुए भगवान शिव से विनती की" हे वृषभध्वज ,मुझे अपने सानिध्य में रखकर सेवा करने का अवसर प्रदान करें ।"शिव चन्द्रमा को वरदान देते हुए कहा" हे, देव मै तुम्हारी अराधना से प्रसन्न हो तुम्हे अपने मस्तक पर स्थान देता हूं । "जिस स्थान पर बैठकर चन्द्रमा ने शिव की घोर तपस्या की उसी स्थान पर शिव स्वयं लिंग रूप में प्रकट हुए उन्होने चन्द्रमा को वर देते हुए यह भी कहा कि भविष्य में यह स्थान संसार में चन्द्रेश्वर के नाम से प्रसिद्व होगा ।